बंजारासंघर्ष
शुक्रवार, 18 जुलाई 2025
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Naditma: — यह एक वैचारिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चिंतन या...: नदित्मा ब्लॉग का परिचय "नदित्मा" केवल एक ब्लॉग नहीं — यह एक वैचारिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चिंतन यात्रा है। यहाँ से आरंभ हो रह...
गुरुवार, 9 मई 2024
बंंजारा आदिवासी समुदायों के साथ अन्याय नहीं सहेगा हिन्दुस्तान
बंजारा आदिवासी समुदाय के साथ अन्याय बंद करो
पृष्ठभूमि:
बंजारा, जिसे लंबानी के नाम से भी जाना जाता है, एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत वाली खानाबदोश जनजाति है। हालाँकि, उन्हें ऐतिहासिक रूप से प्रणालीगत भेदभाव और अन्याय का सामना करना पड़ा है।
वर्तमान मुद्दों:
भूमि कब्ज़ा: बंजारा समुदाय अक्सर औपचारिक भूमि स्वामित्व के बिना पैतृक भूमि पर रहते हैं। इन ज़मीनों पर अक्सर बाहरी लोगों द्वारा कब्ज़ा कर लिया जाता है, जिससे वे बेघर और बेसहारा हो जाते हैं।
शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल का अभाव: बंजारा बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच का अभाव है, जिससे गरीबी और खराब स्वास्थ्य का चक्र बना हुआ है।
व्यावसायिक भेदभाव: रूढ़ियों और पूर्वाग्रहों के कारण बंजारे अक्सर मुख्यधारा के रोजगार के अवसरों से हाशिए पर रहते हैं।
सामाजिक कलंक: बंजारा समुदायों को सामाजिक कलंक और बहिष्कार का सामना करना पड़ता है, जिससे उनकी सामाजिक प्रगति में बाधा आती है।
हिंसा और उत्पीड़न: बंजारा महिलाएं और लड़कियाँ विशेष रूप से हिंसा और उत्पीड़न के प्रति संवेदनशील हैं नतीजे:
बुनियादी अधिकारों और सम्मान का हनन
आर्थिक असुरक्षा और गरीबी
शिक्षा एवं रोजगार के सीमित अवसर
सामाजिक अलगाव और हाशियाकरण
मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान
कार्यवाई के लिए बुलावा:
इन अन्यायों को दूर करने और बंजारा आदिवासी समुदायों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए, हम मांग करते हैं:
भूमि अधिकारों की कानूनी मान्यता: सरकार को बंजारा समुदायों की पैतृक भूमि को पहचानना और उसकी रक्षा करना चाहिए, जिससे उनका सुरक्षित कार्यकाल सुनिश्चित हो सके।
बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल: बंजारा बच्चों और परिवारों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करें, जिससे उन्हें गरीबी और खराब स्वास्थ्य के चक्र को तोड़ने के लिए सशक्त बनाया जा सके।
व्यावसायिक एकीकरण: जातीयता के आधार पर भेदभाव को समाप्त करते हुए, बंजारा लोगों के लिए रोजगार के अवसरों तक समान पहुंच को बढ़ावा देना।
भेदभाव विरोधी उपाय: बंजारा समुदायों के खिलाफ पूर्वाग्रह और कलंक से निपटने के लिए कानून और नीतियां लागू करें, सामाजिक समावेशन को बढ़ावा दें।
हिंसा से सुरक्षा: बंजारा महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए कानून लागू करें, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें।
संवाद और जुड़ाव: बंजारा समुदायों के साथ जुड़कर उनकी जरूरतों और आकांक्षाओं को समझें, निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में उनकी आवाज को शामिल करें।
निष्कर्ष:
बंजारा आदिवासी समुदायों के खिलाफ अन्याय बंद करो। यह उनके अधिकारों को पहचानने, उन्हें सशक्त बनाने और उनकी गरिमा और कल्याण सुनिश्चित करने का समय है। इन मुद्दों का समाधान करके, हम सभी के लिए अधिक न्यायपूर्ण और न्यायसंगत समाज बना सकते हैं।
रविवार, 29 अक्टूबर 2023
मुद्रा लोन योजना आर्थिक विकास का संसाधन
नमस्कार,
मैं आप सभी के सामने एक ऐसी योजना के बारे में बात करने आया हूं जो आपके जीवन को बदलने की क्षमता रखती है। यह योजना है प्रधानमंत्री मुद्रा योजना। यह योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई है ताकि देश के युवाओं और महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए जा सकें।
नोमेडिक बंजारा आदिवासी समुदाय के युवाओं और व्यापारियों महिलाओं के लिए यह योजना एक विशेष अवसर है। इस योजना के तहत आपको 10 लाख रुपये तक का लोन बिना किसी गारंटी के मिल सकता है। इस लोन का उपयोग आप अपनी छोटी-छोटी व्यवसाय शुरू करने के लिए कर सकते हैं।
यह योजना आपके लिए एक बेहतर भविष्य बनाने का अवसर है। इस योजना का लाभ उठाकर आप अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकते हैं और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सकते हैं।
तो आइए, हम सभी मिलकर इस योजना का लाभ उठाएं और अपने जीवन को बदलें।
**यहां कुछ प्रेरणादायक बातें हैं जो आपको इस योजना का लाभ उठाने के लिए प्रेरित कर सकती हैं:**
* **स्वयं के व्यवसाय का मालिक बनने का अवसर:** इस योजना के तहत आपको अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए लोन मिल सकता है। यह एक ऐसा अवसर है जो आपको अपने सपनों को पूरा करने का मौका देगा।
* **आर्थिक स्वतंत्रता:** इस योजना के तहत मिलने वाले लोन से आप अपनी छोटी-छोटी व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। इससे आप आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सकते हैं और अपनी मेहनत के बल पर अपना जीवन बेहतर बना सकते हैं।
* **समाज में सम्मान:** एक व्यवसायी के रूप में आप समाज में सम्मान प्राप्त कर सकते हैं। आप दूसरों के लिए प्रेरणा बन सकते हैं।
**यहां कुछ व्यावहारिक बातें हैं जो आपको इस योजना का लाभ उठाने में मदद कर सकती हैं:**
* **योजना के बारे में जानकारी प्राप्त करें:** योजना के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप संबंधित बैंकों या वेबसाइटों से संपर्क कर सकते हैं।
* **अपनी योग्यता और आवश्यकताओं का मूल्यांकन करें:** अपनी योग्यता और आवश्यकताओं का मूल्यांकन करके आप यह तय कर सकते हैं कि आपके लिए कौन सी योजना सबसे उपयुक्त है।
* **योजना के लिए आवेदन करें:** योजना के लिए आवेदन करने से पहले सभी आवश्यक दस्तावेज तैयार कर लें।
**आइए, हम सभी मिलकर इस योजना का लाभ उठाएं और अपने जीवन को बदलें।**
धन्यवाद।
मंगलवार, 12 जुलाई 2022
सोमवार, 29 जनवरी 2018
बंजारा विमुक्त घुमंतु समुदाय का कड़बा सच
अंग्रेजो की नाक मे दम कर उन्हें लगातार चुनौती देने वाले बंजारा व अन्य घुमक्कड़ समुदाय जिसे कांग्रेस सहित समस्त राजनीतिक दलों की उपेक्षा का लगातार शिकार होना पड़ा है यह भारतीय लोकतंत्र के लिए गंभीरतापूर्वक विचारणीय विषय है कि आखिरकार क्यों संविधान मे
हम भारत के लोग इनके मौलिक अधिकारों की रक्षा नही कर सके व स्वतंत्र भारत में भी वर्षों तक गुलामी का जीवन जीने को विवश किया जबकि उस वक्त हम दुनिया का सर्वश्रेष्ठ संविधान अपने भारत के लिए निर्माण कर चुके थे .क्या कारण है कि युग पुरुष डा. भीमराव अंबेडकर भी भारत की ४०% आबादी के साथ सौतेला व्यवहार करने को मजबूर थे क्यों उन्होंने अंग्रेजो की राजनीति का शिकार हुए मानव समूह जिनका सब कुछ एक काला कानून जन्मजात अपराधी जाति 1860 से 1871 बना कर छीन लिया गया था के प्रति उदासीन रवैया अपना लिया था क्यों आज 70 वर्षों के बाद भी संवैधानिक पद पर विराजमान किरण बेदी इनके प्रति असंवेदनशील टिप्पणी कर आहत करती है क्या संविधान शुरूआत हम भारत के लोग मे बंजारा व अन्य घुमक्कड़ समुदाय के लोग नहीं हैं!!! फिर क्या कारण है जब सामाजिक उपेक्षा के शिकार समुदाय के लिए संविधान सभा व डा. भीमराव अंबेडकर जी ने आरक्षण की व्यवस्था कर उन्हें समानता का अवसर दिया तब यह 40%आबादी जिसे अंग्रेजो ने भारत मे अपनी राजव्यवस्था बनाए रखने के लि समूल नष्ट करने की कुचेष्ठा की को समनाता का अवसर देने की कोई पहल संविधान में नही है गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं
💐आज स्वतंत्रता के 70 वर्षों के बाद भी इनके अधिकारों की आवाज को एक के बाद एक आयोग बनाकर दबा दिया जाता है राजनीतिक प्रतिनिधित्व के अभाव मे राजनीतिक दल भी केवल वोट राजनीति कर इनकी उपेक्षा ही करते हैं भारत के नए राष्ट्रपति व वर्तमान राष्ट्रपति से आशा है कि वे ही संसद सांसदों को निर्देश कर संविधान के प्रथम शब्द हम भारत के लोग को सिद्ध करे क्योंकि जब तक यह बहुत बड़ा वर्ग राजनीतिक व मौलिक उपेक्षा से पीड़ित क्यों इन्हें एस टी वर्ग मे न रखकर संविधान मे इन्हें विमुक्त जाति कहा और एस सी ,एस टी, से अलग सूचित मे रखा जिसमें इनको समन्वित वर्गों के समकक्ष लाने के लिए कोई प्रावधान भी नहीं है जो कि संवैधानिक दृष्टि से उचित नहीं हैं जिसके कारण संविधान मे वर्णित [हम भारत के लोग ]पर एक प्रश्न चिह्न लगा है अब भावी व वर्तमान g राष्ट्रपति से आशा है कि वह इस संदर्भ मे उचित पहल करे व पंडित दीन दयाल उपाध्याय का लक्ष्य पंक्ति के अंतिम व्यक्ति विकास ..... धन्यवाद अजय सिंह चौहान संपादक बंजारा संघर्ष भोपाल मध्यप्रदेश मोबाइल नंबर 8878951608
💐आज स्वतंत्रता के 70 वर्षों के बाद भी इनके अधिकारों की आवाज को एक के बाद एक आयोग बनाकर दबा दिया जाता है राजनीतिक प्रतिनिधित्व के अभाव मे राजनीतिक दल भी केवल वोट राजनीति कर इनकी उपेक्षा ही करते हैं भारत के नए राष्ट्रपति व वर्तमान राष्ट्रपति से आशा है कि वे ही संसद सांसदों को निर्देश कर संविधान के प्रथम शब्द हम भारत के लोग को सिद्ध करे क्योंकि जब तक यह बहुत बड़ा वर्ग राजनीतिक व मौलिक उपेक्षा से पीड़ित क्यों इन्हें एस टी वर्ग मे न रखकर संविधान मे इन्हें विमुक्त जाति कहा और एस सी ,एस टी, से अलग सूचित मे रखा जिसमें इनको समन्वित वर्गों के समकक्ष लाने के लिए कोई प्रावधान भी नहीं है जो कि संवैधानिक दृष्टि से उचित नहीं हैं जिसके कारण संविधान मे वर्णित [हम भारत के लोग ]पर एक प्रश्न चिह्न लगा है अब भावी व वर्तमान g राष्ट्रपति से आशा है कि वह इस संदर्भ मे उचित पहल करे व पंडित दीन दयाल उपाध्याय का लक्ष्य पंक्ति के अंतिम व्यक्ति विकास ..... धन्यवाद अजय सिंह चौहान संपादक बंजारा संघर्ष भोपाल मध्यप्रदेश मोबाइल नंबर 8878951608
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