अंग्रेजो की नाक मे दम कर उन्हें लगातार चुनौती देने वाले बंजारा व अन्य घुमक्कड़ समुदाय जिसे कांग्रेस सहित समस्त राजनीतिक दलों की उपेक्षा का लगातार शिकार होना पड़ा है यह भारतीय लोकतंत्र के लिए गंभीरतापूर्वक विचारणीय विषय है कि आखिरकार क्यों संविधान मे
हम भारत के लोग इनके मौलिक अधिकारों की रक्षा नही कर सके व स्वतंत्र भारत में भी वर्षों तक गुलामी का जीवन जीने को विवश किया जबकि उस वक्त हम दुनिया का सर्वश्रेष्ठ संविधान अपने भारत के लिए निर्माण कर चुके थे .क्या कारण है कि युग पुरुष डा. भीमराव अंबेडकर भी भारत की ४०% आबादी के साथ सौतेला व्यवहार करने को मजबूर थे क्यों उन्होंने अंग्रेजो की राजनीति का शिकार हुए मानव समूह जिनका सब कुछ एक काला कानून जन्मजात अपराधी जाति 1860 से 1871 बना कर छीन लिया गया था के प्रति उदासीन रवैया अपना लिया था क्यों आज 70 वर्षों के बाद भी संवैधानिक पद पर विराजमान किरण बेदी इनके प्रति असंवेदनशील टिप्पणी कर आहत करती है क्या संविधान शुरूआत हम भारत के लोग मे बंजारा व अन्य घुमक्कड़ समुदाय के लोग नहीं हैं!!! फिर क्या कारण है जब सामाजिक उपेक्षा के शिकार समुदाय के लिए संविधान सभा व डा. भीमराव अंबेडकर जी ने आरक्षण की व्यवस्था कर उन्हें समानता का अवसर दिया तब यह 40%आबादी जिसे अंग्रेजो ने भारत मे अपनी राजव्यवस्था बनाए रखने के लि समूल नष्ट करने की कुचेष्ठा की को समनाता का अवसर देने की कोई पहल संविधान में नही है गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं
💐आज स्वतंत्रता के 70 वर्षों के बाद भी इनके अधिकारों की आवाज को एक के बाद एक आयोग बनाकर दबा दिया जाता है राजनीतिक प्रतिनिधित्व के अभाव मे राजनीतिक दल भी केवल वोट राजनीति कर इनकी उपेक्षा ही करते हैं भारत के नए राष्ट्रपति व वर्तमान राष्ट्रपति से आशा है कि वे ही संसद सांसदों को निर्देश कर संविधान के प्रथम शब्द हम भारत के लोग को सिद्ध करे क्योंकि जब तक यह बहुत बड़ा वर्ग राजनीतिक व मौलिक उपेक्षा से पीड़ित क्यों इन्हें एस टी वर्ग मे न रखकर संविधान मे इन्हें विमुक्त जाति कहा और एस सी ,एस टी, से अलग सूचित मे रखा जिसमें इनको समन्वित वर्गों के समकक्ष लाने के लिए कोई प्रावधान भी नहीं है जो कि संवैधानिक दृष्टि से उचित नहीं हैं जिसके कारण संविधान मे वर्णित [हम भारत के लोग ]पर एक प्रश्न चिह्न लगा है अब भावी व वर्तमान g राष्ट्रपति से आशा है कि वह इस संदर्भ मे उचित पहल करे व पंडित दीन दयाल उपाध्याय का लक्ष्य पंक्ति के अंतिम व्यक्ति विकास ..... धन्यवाद अजय सिंह चौहान संपादक बंजारा संघर्ष भोपाल मध्यप्रदेश मोबाइल नंबर 8878951608
💐आज स्वतंत्रता के 70 वर्षों के बाद भी इनके अधिकारों की आवाज को एक के बाद एक आयोग बनाकर दबा दिया जाता है राजनीतिक प्रतिनिधित्व के अभाव मे राजनीतिक दल भी केवल वोट राजनीति कर इनकी उपेक्षा ही करते हैं भारत के नए राष्ट्रपति व वर्तमान राष्ट्रपति से आशा है कि वे ही संसद सांसदों को निर्देश कर संविधान के प्रथम शब्द हम भारत के लोग को सिद्ध करे क्योंकि जब तक यह बहुत बड़ा वर्ग राजनीतिक व मौलिक उपेक्षा से पीड़ित क्यों इन्हें एस टी वर्ग मे न रखकर संविधान मे इन्हें विमुक्त जाति कहा और एस सी ,एस टी, से अलग सूचित मे रखा जिसमें इनको समन्वित वर्गों के समकक्ष लाने के लिए कोई प्रावधान भी नहीं है जो कि संवैधानिक दृष्टि से उचित नहीं हैं जिसके कारण संविधान मे वर्णित [हम भारत के लोग ]पर एक प्रश्न चिह्न लगा है अब भावी व वर्तमान g राष्ट्रपति से आशा है कि वह इस संदर्भ मे उचित पहल करे व पंडित दीन दयाल उपाध्याय का लक्ष्य पंक्ति के अंतिम व्यक्ति विकास ..... धन्यवाद अजय सिंह चौहान संपादक बंजारा संघर्ष भोपाल मध्यप्रदेश मोबाइल नंबर 8878951608
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